Satellite क्या है. यह कैसे काम करते हैं, भारत के पांच सैटेलाइट, पढ़े संपूर्ण जानकारी(Satellite in Hindi, Types of Satellite in Hindi)

Satellite in Hindi-हेलो दोस्तों नमस्कार इस आर्टिकल में हम आपको Satellite (Satellite in Hindi) क्या होता है और यह कैसे काम करते हैं. इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे. आप सभी के मन में Satellite से जुड़े कई सवाल होंगे. जैसे – आखिर आसमान में सैटेलाइट कैसे घूमते हैं. और भी बहुत सारे सवालों का जवाब हमने इस आर्टिकल में देने की कोशिश की है. जिसे पढ़ने के बाद आप Satellite (Types of Satellite in Hindi)के बारे में काफी कुछ नया जान पाएंगे

Satellite क्या है. (what is Satellite in Hindi)

Satellite क्या है.

दोस्तों क्या आप जानते हैं की सेटेलाइट (Satellite in Hindi) क्या होता है, अगर नहीं, तो आपको बता दे की satellite एक ऐसा खगोलीय पिंड है, जो किसी ग्रह या तारों की चक्कर लगाते हैं.

दोस्तों उपग्रह आकार में छोटे और हल्के होते हैं. पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा है. चंद्रमा पृथ्वी की चक्कर लगाता है, और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण अपनी कक्षा में ही स्थिर रहता है.

दोस्तों आपको बता दे कि इसके अलावे मानव द्वारा बनाए गए कृत्रिम् उपग्रह भी होते हैं, जिनका उपयोग संचार, मौसम विज्ञान, नौवहन और विज्ञान अनुसंधान जैसे विभिन्नउद्देश्य के लिए किया जाता है.

दोस्तों मनुष्य उपग्रह को एक रॉकेट की सहायता से पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजते है. एक बार निचली कक्षा में स्थापित होने के बाद, उपग्रह अपने निर्धारित मिशन के लिए संचालित होते हैं. उपग्रह में कई सारे उपकरण लगे होते हैं जैसे एंटीना,सौर पैनल, बैटरी आदि. जो उन्हें संचालित करने में मदद करते हैं.

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उपग्रहों का इतिहास (History of satellites in Hindi)

उपग्रहों का इतिहास

दोस्तों आपको बता दे की द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जर्मन वैज्ञानिकों ने पहली बार रॉकेट टेक्नोलॉजी पर काम शुरू किया. बाद में जब शीत युद्ध की शुरुआत हुई इस दौरान अमेरिका और सोवियत संघ ने रॉकेट टेक्नोलॉजी पर काफी ज्यादा ध्यान देने लगे.

दोस्तों ऐसा पहली बार हुआ जब सोवियत संघ ने 4 अक्टूबर 1957 को प्रथम कृत्रिम उपग्रह स्पूतनिक-1 का परीक्षण किया. दोस्तों यह कृत्रिम उपग्रह 23 इंच व्यास वाला अवर 184 पाउंड का एक धातु का गोला था. जिसमें थर्मामीटर, बैटरी रेडियो, ट्रांसमीटर और नाइट्रोजन गैस भरी हुई थी. दोस्तों स्पूतनिक-1 के सफल परीक्षण के बाद एक नए युग की शुरुआत हुई, जिसे अंतरिक्ष युग कहा गया. जिसने अमेरिका और सोवियत संघ के बीच अंतरिक्ष दौड की गति दे दी.

दोस्तों कुछ ही दिनों के बाद अमेरिका ने सन 1958 में अपना पहला उपग्रह एक्सप्लोरर-1 लॉन्च किया. कुछ सालों के बाद भारत भी इस रेस में शामिल हो गया. और भारत ने सन 1975 में अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट लॉन्च किया. आर्यभट्ट लॉन्च करने के बाद भारत में और भी कई सारे उपग्रह लांच की है जैसे इंनसैट, रोहिणी काल्पना-1 आदि कई उपग्रह लांच की है.

उपग्रह की कक्षाएं (satellite orbits In Hindi)

उपग्रह की कक्षाएं

दोस्तों पूरी दुनिया में एक के बाद उपग्रह लांच किए गए. और आज भी किया जा रहे हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि उपग्रहों को किस प्रकार की कक्षाओं में स्थापित किए जाते हैं. चलिए इसके बारे में आपको एक-एक करके बताते हैं.

निकली पृथ्वी कक्षा (LEO) – दोस्तों यह पृथ्वी की सतह से 200 से लेकर 1200 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित होती हैं, दोस्तों यहां उपग्रह एक चक्कर लगभग 90 मिनट में पूरा कर लेते हैं.

मध्यम पृथ्वी कक्षा (MEO) – दोस्तों यह पृथ्वी की सतह से 2000 से लेकर 35800 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित होती है. दोस्तों यहां उपग्रह काफी कम समय में चक्कर लगा लेते हैं.

भू-समकालीन कक्षा (GEO) – दोस्तों आपको बता दे कि यह सबसे ऊंची कक्षा है. जिसकी पृथ्वी की सतह से लगभग 36000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होती है. दोस्तों इस कक्ष में उपग्रह के घूमने के समय, पृथ्वी के घूमने के समय के बराबर है.जिससे वे हमेशा एक ही स्थान पर दिखाई देते हैं. यहां के उपग्रहों का उपयोग संचार और मौसम निगरानी के लिए किया जाता है.

चांद-तुल्य कक्षा – दोस्तों यह पृथ्वी की सतह से लगभग 384000 किलोमीटर दूर स्थित होती है. यहां स्थित उपग्रह चंद्रमा की तरह ही पृथ्वी के चक्कर लगाते है.

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उपग्रहों के प्रकार (Types of Satellite in Hindi)

उपग्रहों के प्रकार

दोस्तों क्या आप जानते हैं कि उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं, अगर नहीं, तो चलिए आपको बताते हैं कि उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं.

संचार उपग्रह (Communication Satellite) – दोस्तों आमतौर पर GEO में स्थित होते हैं. जिसे संचार उद्देश्य से बनाया गया होता है, और इसमें ट्रांसपोडर उपकरण लगे होते हैं.

पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (Earth Observation satellite) – दोस्तों इसे पृथ्वी की सतह, वायुमंडल और प्राकृतिक घटनाओं की निगरानी के लिए बनाया गया है.

नेविगेशन उपग्रह (Navigation Satellite) – दोस्तों नेविगेशन उपग्रह के उदाहरण के तौर पर GPS उपग्रह शामिल है, जिसका उपयोग नेविगेशन और स्थिती निर्धारण के लिए किया जाता है.

वैज्ञानिक अनुसंधान उपग्रह (Scientific Research Satellite) – दोस्तों इस उपग्रह का उपयोग कई सारे वैज्ञानिक प्रयोग और अनुसंधानों के संचालन के लिए किया जाता है. जैसे कि पृथ्वी के वायुमंडल या मानव स्वास्थ्य पर अंतरिक्ष के प्रभाव का अध्ययन करना.

उपग्रह कैसे काम करता है (How does a satellite work in Hindi)

उपग्रह कैसे काम करता है

दोस्तों चलिए आपको बताते हैं कि उपग्रह कैसे काम करता है. दोस्तों सबसे पहले आपको बता दे कि उपग्रह एक ऐसा उपकरण है जो अंतरिक्ष में किसी दूसरी वस्तु के चारों ओर चक्कर लगाते रहता है, और पृथ्वी पर सिग्नल प्राप्त करता है और प्रसारित करता है.

दोस्तों उपग्रह जमीन पर मौजूद एंटीना से संचार प्राप्त करते हैं. इसके लिए यह रेडियो तरंगों का उपयोग करते हैं, और फिर सूचना को संसाधित करता है. दोस्तों एक उपग्रह बिजली उत्पन्न करने के लिए सौर पैनल, एक जगह स्थिर रहने के लिए थ्रूस्टर्स और अधिक तापमान और भी करने से बचने के लिए थर्मल सिस्टम जैसी तकनीक का उपयोग करता है.

ग्रह और उपग्रह में क्या अंतर है (What is the difference between planet and satellite In Hindi)

ग्रह और उपग्रह में क्या अंतर है

दोस्तों एक ग्रह और एक उपग्रह के बीच अंतर की बात करें तो, आपको बता दे की एक ग्रह, 1 तारीख के चारों ओर चक्कर लगाता है, जबकि एक उपग्रह एक बड़े खगोलीय पिंड, जैसा की एक ग्रह के चारों ओर चक्कर लगाता है.

दोस्तों ग्रह एक आकाशीय पिंड होते हैं, जो किसी तारे के चारों ओर चक्कर लगाते हैं, और ये आकार में काफी बड़े होते हैं, जबकि उपग्रह ग्रहों की तुलना में आकार में काफी छोटे होते हैं. और यह प्राकृतिक (चंद्रमा की तरह) या कृत्रिम भी हो सकते हैं.

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उपग्रहों का उपयोग (use of satellites In Hindi)

उपग्रहों का उपयोग

दोस्तों उपग्रहों के उपयोग की बात करें तो, तो उपग्रहों के बहुत सारे उपयोग है जिनमे संचार, पृथ्वी का अवलोकन, नेविगेशन और वैज्ञानिक अनुसंधान शामिल है.

दोस्तों संचार उपग्रह पूरे विश्व में आवाज, वीडियो और डेटा सेवाएं प्रदान करता है. जो आज हमारे लिए काफी ज्यादा जरूरी है.

दोस्तों बात करें प्रति अवलोकन उपग्रह की तो, यह हमें मौसम जलवायु और पर्यावरण की निगरानी करता है, और इससे जुड़ी जानकारी देता है.

दोस्तों नेविगेशन उपग्रह की बात करें तो यह हमें भूमि, समुद्र और हवा के लिए GPS और अन्य नेविगेशन सिस्टम कुछ सक्षम बनाता है जिससे हमें भूमि, समुद्र, हवा के बारे में जानकारी प्राप्त होती है.

दोस्तों बात करें वैज्ञानिक अनुसंधान उपग्रह की तो इसका उपयोग पृथ्वी, अन्य ग्रहण सूर्य और अन्य खगोलीय पिंडों के बारे में जानने के लिए किया जाता है.

दोस्तों सैटेलाइट का उपयोग और भी कई सारे चीजों में किया जाता है. जैसे बैंकिंग, ऊर्जा नेटवर्क, परिवहन और रक्षा क्षेत्र में भी इसका उपयोग किया जाता है. जैसे लेनदेन प्रबंधन, पावर ग्रिड संगठन, हथियार और विमान के लिए वास्तविक समय मार्गदर्शन जैसी सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

भारत के पांच उपग्रह (India’s five satellites In Hindi)

भारत के पांच उपग्रह

दोस्तों चलिए आपको भारत के पांच ऐसे उपग्रह के बारे में जानकारी देते हैं, जो हमें कृषि, मौसम, और अंतरिक्ष में होने वाली घटनाए आदि कई अन्य जानकारी देता है.

आर्यभट्ट (Aryabhatta) – दोस्तों यह भारत का पहला उपग्रह है जिसे साल 1975 में लॉन्च किया गया था. दोस्तों आपको बता दे की इस उपग्रह का नाम प्राचीन भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया है.

इनसैट-1A (INSAT-1A) – दोस्तों इसे भारत ने 1982 में लॉन्च किया था, और आपको बता दे कि आप भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली का हिस्सा है. और यह हमें संचार सेवाएं प्रदान करता है.

GSAT-29 – दोस्तों भारत ने 2018 में लॉन्च किया है, आपको बता दे कि यह सैटेलाइट हमें GPS नेविगेशन की सुविधा प्रदान करता है.

HySIS – दोस्तों भारत ने इसे भी 2018 में लॉन्च किया है. आपको बता दे कि यह उपग्रह हमें कृषि, forestry और सैन्य के लिए हाइपरस्पेक्ट्रम इमेजिंग जैसी सेवाएं देता है.

GSAT-11 – दोस्तों इस भारत ने 2018 में लॉन्च किया है. दोस्तों आपको बता दे कि अब भारत का सबसे भारी अंतरिक्ष यान है.

Conclusion

दोस्तों आज के इस लेख में हमने आपको उपग्रह Satellite in Hindi, Types of Satellite in Hindi के बारे में पूरी जानकारी दी है. हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपको काफी पसंद आई होगी. अगर फिर भी इससे जुड़ा आपके मन में कोई सवाल है. तो आप हमसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं हम आपको जल्द से जल्द अपडेट करेंगे. और ऐसे ही टेक्नोलॉजी के बारे में जानने के लिए आप foxbeet.com के साथ जुड़े रहे.

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